जाने-माने सोशल साइंस रिसर्च नेटवर्क, न्यूयार्क में आईटीएम यूनिवर्सिटी की दो फैकल्टी की रिसर्च टाॅप 10 में शामिल
ग्वालियर । आईटीएम यूनिवर्सिटी के स्कूल आॅफ नर्सिंग साइंस के दो असिस्टेंट प्रोफेसर्स ने खतरनाक कोरोना वायरस पर ’टेम्प्रेचर, पाॅपुलेशन एंड लांगीट्यूडिनल रिसर्च स्टडी टू प्रिडिक्ट पोटेंशियल स्प्रेड फाॅर कोविड-19 इन इंडिया’ पर रिसर्च स्टडी की हैै। यह स्टडी ’सोशल साइंस रिसर्च नेटवर्क, न्यूयार्क में 25 मार्च को प्रकाशित की गई है। खास बात यह है कि इसे सोशल साइंस रिसर्च नेटवर्क, न्यूयार्क टाॅप 10 रिसर्च की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। इस रिसर्च स्टडी का उद्देश्य दुनिया के पांच प्रमुख शहरों के टेम्प्रेचर फैक्टर को कोरिलेट करके भारत के 35 प्रमुख शहरों (मार्च और अप्रैल, 2020) में आने वाले कोविड-19 प्रकोप का पूर्वानुमान लगाना था। इनमें से 27 सिटीज का कोरिलेशन मिला और इंडेक्स में 14 सिटीज शामिल की गई।
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स्टडी करने वाले स्कूल आॅफ नर्सिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर रवि राय डांगी, पीडियाटिक नर्सिंग और मैथ्यू जाॅर्ज, आॅप्टोमेटी ने इस स्टडी में कुल 14 शहरों के मार्च और अप्रैल 2020 में कोविड 19 के प्रकोप की गंभीरता का पूर्वानुमान उनकी तापमान, पाॅपुलेशन और पाॅपुलेशन डेन्सिटी के आधार पर लगाया गया है। इसके अंतर्गत मार्च और अप्रैल में कोविड 19 के प्रसारण के लिए मुम्बई, नई दिल्ली, हैदराबाद, चैन्नई, सूरत, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर, नागपुर, लखनउ, इंदौर, वाराणसी, श्रीनगर और ग्वालियर का चयनित विदेशी शहरों के साथ स्टांग स्टेटिकल कोरिलेशन पाया गया।
4 अन्य शहरों भीलवाड़ा, चंडीगढ़, गुरूग्राम और मेंगलोर के बारे में भी पूर्वानुमान लगाया गया है, क्योंकि इन शहरों में कोविड-19 मामलों की संख्या अधिक है और चयनित विदेशी शहरों (वुहान, पर्थ, कराची, जोहान्सबर्ग और लाहौर) के साथ भी स्टांग स्टेटिकल कोरिलेशन पाए गए। इसमे ंस्टडी कर पूर्वानुमान लगाया कि पाॅपुलेशन और पाॅपुलेशन डेन्सिटी कोविड-19 के प्रकोप की गंभीरता को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।
भारत के जिन 35 शहरों का चयन किया गया था, उनका आधार वहां की पाॅपुलेशन और पाॅपुलेशन डेनसिटी, टूरिज्म इंपोर्टेंस, इंडस्टियल इंपोर्टेंस व इंटरनेशनल एयरपोर्ट आदि को ध्यान में रखते हुए चयनित किया गया था।
वुहान, जोहान्सबर्ग व भारतीय शहरों के बीच स्टांग कोरिलेशन
यह स्टडी पाॅपुलेशन और पाॅपुलेशन डेन्सििटी और चयनित शहरों के साथ तापमान के कोरिलेशन पर आधारित है जहां कोविड-19 का प्रकोप पहले से ही महामारी बन रहा है। म्यूटेशन, पैथोजेनेसिस और उसके रिप्रोडक्शन जैसे वायरल कारक को इस स्टडी में नहीं माने गए हंै। इस स्टडी में चयनित विदेशी शहरों वुहान, पर्थ, कराची, जोहानसबर्ग, लाहौर और चयनित भारतीय शहरों के बीच स्टांग काॅरिलेशन पाए गए। खासकर चयनित शहरों में तापमान के संबंध में एक स्टांग पाॅजीटिव कोरिलेशन दिखे जो स्टेटकली भी सिद्ध हुए हैं।
वर्जन
इस तरह की गंभीर बीमारियों में पूर्वानुमान दिखाती ऐसी रिसर्च स्टूडेंट और सोसायटी दोनों के लिए काफी महत्व रखती है। उम्मीद है ये रिसर्च कोरोना से सुरक्षा के लिए काम आ सके।
प्रो मिनी अनिल, डीन स्कूल आॅफ नर्सिंग साइंस, आईटीएम यूनिवर्सिटी